Sunday 4 September 2011

बाल कहानी



                                                                 चंदन की खुशबू    

             चंदन और कुंदन दोनों भाई थे। दोनों एक ही कक्षा मे पढ़ते थे। लेकिन दोनों के स्‍वभाव मे बहुत अंतर था। चंदन जहां बहुत अधिक उदंड था, कुंदन उतना ही शांत। चंदन हमेशा कुंदन से झगड़ता पर कुंदन कुछ न कहता। यहां तक कि चंदन अपने माता-पिता की बातों को भी नही मानता , सिर्फ अपनी मर्जी से जो मन में आता करता। हमेशा मुहल्‍ले के लड़कों से झगड़ता, कभी उन्‍हें मारता तो कभी उनके खिलौनों को छीन लेता। उसके इस व्‍यवहार से उसके माता-पिता बहुत परेशान थे। वे उसे समझा कर थक-हार चुके थे, लेकिन उसके ऊपर कोई असर नही हुआ। गुस्‍से में वे उसे पीट भी चुके थे। फिर भी उसकी शरारतें कम न होती। थक-हार कर उन्‍होंने निश्‍चय किया कि  चंदन की टीचर से बात करनी चाहिए। शायद वह उसे सही रास्‍ते पर ला सके।
                    अगले दिन चंदन के माता-पिता उसकी टीचर से मिलें। उनकी सारी बातें सुनकर टीचर ने कहा ,  ' क्‍या? चंदन  इतना ज्‍यादा शैतान है? स्‍कूल मे थोड़ी-बहुत शैतानी करता है, जो कि प्रत्‍येक बच्‍चा करता है। उसकी शैतानी को हमलोग बचपना समझ कर ध्‍यान नही देते थे। क्‍योंकि जितना अच्‍छा वह पढ़ने-लिखने मे है, उतना ही खेल-कूद में भी। लेकिन उसकी ये अच्‍छाईयां इस समय फीकी पड़ जाती हैं, जब वह आप लोगो से बदजुबानी करता है। यह बहुत ही बुरी बात है। खैर, आप लोग चिंता न करें। मैं कोशिश करूंगी कि वह सचमुच अच्‍छा बच्‍चा बन जाये।'  चंदन के माता-पिता के जाने के बाद टीचर गहरी सोच मे पड़ गई।
             कुछ दिनों के पश्‍चात स्‍कूल में बच्‍चों को बताया जाता है कि उन्‍हें पिकनिक पर ले जाया जायेगा । सभी बच्‍चे बहुत खुश होते हैं। चंदन बहुत ज्‍यादा खुश होता है। घर आकर वह अपनी मम्‍मी से ढेर सारी खाने की चीजों की फरमाइश कर डालता है जो वह अपने साथ पिकनिक पर ले जाना चाहता है। जब मम्‍मी कहती है कि टीचर ने कुछ भी साथ ले जाने से मना किया है तो वह रोने-चिल्‍लाने लगता है, तब मजबूरन उसकी मम्‍मी सारी चीजें देने का वादा करती हैं। चंदन अपने साथ खिलौने भी ले जाना चाहता है। कुछ अच्‍छे खिलौने वह अपने बैग में रख लेता है ।
                  निश्‍िचत समय पर सभी बच्‍चे अपने माता-पिता के साथ आते हैं और टीचर उनका नाम ले-लेकर  स्‍कूल बस मे चढ़ाने लगती हैं। जब चंदन अपनी पीठ पर बैग लटका कर बस में चढ़ने लगता है तो टीचर उसे रोकती है और कहती है, ' चंदन, इस बैग में क्‍या है? तुम अपने साथ कुछ भी नही ले जा सकते।'  टीचर की बात सुनकर चंदन रूआंसा हो जाता है। वह कुछ कहने के लिए मुंह खोलना ही चाह रहा था कि उसकी टीचर बोली, ' चंदन , हमलोग ढ़ेर सारी खाने की चीजें और खेलने का सामान ले जा रहे हैं।'  इतना कहकर वे चंदन का बैग उसके पिता को दे देती है चंदन गुस्‍से मे एक लड़के को धक्‍का दे कर आगे बढ़ जाता है ।
                  बस चल पड़ती है। सभी बच्‍चे गाड़ियों, पशुओं और हरे-भरे पेडो़ को देखने में मशगूल थे। पर चंदन बिल्‍कुल उदास था। टीचर ने चंदन को अपने पास बुलाकर बिठाया और उससे बातें करने लगी। वह उससे सवाल भी पूछती जा रही थी, जिसका जवाब वह दे रहा था। थोड़ी देर बाद वह भी मन मे उठ रहे सवालों को टीचर से पूछने लगा। तभी उसे एक खास तरह की खुशबू का अहसास हुआ। उसने टीचर से पूछा, ' टीचर, ये खुशबू जो आ रही है चंदन की है ना। टीचर ने कहा, ' हां चंदन, ये खुशबू चंदन की ही है। देखो वो पेड़ चंदन का है, उसी से खुशबू आ रही  है। तभी चंदन चिल्‍लाता है, ' सांप, सांप , टीचर उस पेड़ पर सांप है।'  टीचर बोली, ' हां देखो , चंदन का पेड़ कितना अच्‍छा है। उससे सांप लिपटा है , वह अपने मुंह से विष भी छोड़ रहा है। लेकिन चंदन की सुगंध उससे विषैली नही हो रही बल्कि वह अपनी पहले वाली सुगंध ही बिखेर रही है। वह अपना अच्‍छा स्‍वभाव नही छोड़ रही। क्‍यों कि जब उसके साथ रहकर सांप  अपना बुरा स्‍वभाव नही छोड़ रहा तो वह अपना अच्‍छा स्‍वभाव क्‍यों छोड़े। बोलो, मैं ठीक कह रही हूं न। चंदन, तुम्‍हारा नाम भी तो चंदन है , क्‍यों नही तुम भी इस चंदन के पेड़ की तरह अच्‍छे चंदन बन जाते हो । बोलो, बनोगे ना अच्‍छे चंदन, सबके प्‍यारे चंदन।'
             टीचर की बात सुनकर चंदन धीरे-से मुस्‍कुरा दिया । उसने धीरे से कहा , ' हां टीचर , मैं अपने माता-पिता का अच्‍छा चंदन बनूंगा। मै सबका प्‍यारा चंदन बनूंगा । मै वादा करता हूं।'  इतना कहकर वह हंसते हुए दौड़कर अपने साथियों के बीच जाकर हंसी-मजाक करने लगा । पिकनिक से लौटकर जब चंदन घर पहुंचा तो उसका व्‍यवहार देखकर सभी आश्‍चर्यचकित रह गये। क्‍योंकि जो चंदन पिकनिक पर गया था, बिल्‍कुल उसका दूसरा रूप वापस आया  था। उसके इस बदले रूप को देखकर माता-पिता बहुत ही प्रसन्‍न हुए। वे अब चंदन को भी खुब प्‍यार करने लगें। क्‍योंकि चंदन अब सचमुच का अच्‍छा बच्‍चा जो बन गया था।

1 comment:

  1. आदर्श संदेश एवं शिक्षा देती कहानी मनमोहक है।

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